२७ जनवरी २०२० को भारत में कोरोना का पहिला मरीज मिला और तब से अब तक मरीजों की संख्या आंकडों के रिकॉर्ड तोड़ती जा रही है. ये वायरस कैसे आया और विश्वव्यापी कैसे बना ये जाँच करने वाले समय आने पर बतायेंगेहि, लेकिन इसका खात्मा कैसे होगा? पूरी दुनिया से इसका अंत कैसे होगा ये आज सबसे बड़ा सवाल है.
ये एक नैसर्गिक महामारी है या कोई
षडयंत्र या भगवान का गुस्सा जो भी हम इसे माने इससे इसके परिणाम नहीं बदलेंगे और ना
ही जिनकी जाने गयी वो वापस आएगी.
यक़ीनन हम में से कोई भी पूरी जिंदगी मास्क पहन के और हाथोमे हर वक्त सेनिटेझर लेके नहीं चलना चाहता होगा. सबको यही सवाल है की इस कोरोना नाम के शैतान का अंत कैसे होगा? ऐसी कौनसी दवा, कौनसी वैक्सीन, कौनसी ट्रीटमेंट होगी जिससे ये महामारी हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगी?
मौजूदा हालात में जो वैक्सीन हमें दी
जा रही है वो COVID 19 को
पूरी तरह से ख़त्म करने में सक्षम नहीं है. ये अच्छी बात है के इसको लेने के बाद हम
में COVID 19 से लड़ने के लिए प्रतिकारक्षमता बढ़ती
है. हालांकि ये वैक्सीन लेने के बाद भी लोगो में संक्रमण पाया गया है. मतलब हमें
इससे भी अधिक प्रभावी वैक्सीन चाहिए. डॉक्टर्स के हिसाब से ऐसी कोई स्पेसिफिक दवाई
नहीं है जिसे लेने के बाद इस महामारी से पूरी तरह से छुटकारा पा जा सकता है. उपचार
सिर्फ लक्षणोंके हो रहे है. तो हम इस महामारी के अंत को कैसे देखे.
COVID 19 का अंत कैसे होगा ये जानने से पहले
हमें ये भी जानना चाहिए के इससे पहले महामारी का इतिहास क्या है. उस समय परिस्थिति
को कैसे संभाला गया ये सब देखने से हमें जरूर कुछ मदद मिल सकती है.
कॉलरा, डेंग्यू फेवर,
इन्फ्लुएंजा, टीफुस, स्मॉलपॉक्स,
लेप्रोसी, मलेरिया, येलो फीवर ऐसी कई सारी महामारियों की चपेट में दुनिया आ चुकी है. उनमे से कुछ तो अभी
भी है लेकिन अब हमारे पास उनपर पूर्णता कार्यक्षम दवाई भी है. लेकिन जब ये
महमारिया आयी थी उस समय स्थिति कुछ आज के जैसी ही थी.
Spanish flu | स्पेनिश फ्लू
“वेंटिलेटर की बढ़ती हुई मांग”, “मास्क ना पहनने पर जेल की सजा”, “लोगोके जमाव पर निर्बंध”, “व्यापर पर निर्बंध”, “कर्फ्यू” ये हेडलाइंस है १९१८ में प्रकाशित हुए
कई सारे अखबारों की, और कारन थी एक भयानक महामारी जिसका नाम
था इन्फ्लुएंजा पंडेमिक या स्पेनिश फ्लू.
सिर्फ भारत में १२ से १७ मिलियन लोगो
की मौत इस महामारी से हुई थी जो उस समय के आबादी के ५% थी. इसीसे अंदाजा लगाया जा
सकता है के ये कितनी गंभीर बिमारी थी.
उस समय उपचार के लिए कोई भी एंटीवायरल
दवाई नहीं थी, ना ही इन्फेक्शन को रोकने के लिए कोई
एंटीबायोटिक्स थे. डॉक्टर्स उस समय ज्ञात अलग अलग उपचार पद्धतियोका मेल करके इलाज
कर रहे थे.
जिसमे एस्प्रिन, क्विनीन आर्सेनिक्स, एप्सोम साल्ट्स, कास्टर ऑइल शामिल थे. पारम्परिक उपचार
पद्धतियोका भी उपयोग किया गया था जिसमे आयुर्वेद, कंपो भी शामिल थे.
लगभग पूरी दुनिया में परिस्थिति ऐसी ही
थी. कुछ गिने चुने देश थे जिन्होंने कड़े निर्बंधो और प्रभावी क्वारंटाइन को अपना
कर इसकी उग्रता काफी कम कर दी थी.
ये ठीक कैसे हुआ?
दावा किया जाता है के इसके अंत का
मुख्य कारन हर्ड इम्युनिटी है. जिसमे समाज के ज्यादातर लोगो में बिमारी का संक्रमण
होता है और उस बिमारी से लड़ने की प्रक्रिया में लोगो के अंदर एंटीबाडीज तैयार होती
है जो उस वायरस को निष्क्रिय बना देती है या ख़त्म कर देती है. एक तरह से हमारे
शरीर की इस महामारी के लिए प्रतिकारक क्षमता बढ़ जाती है. और वो बिमारी सौम्य रूप
धारण कर लेती है. एक आम बिमारी बन जाती है.
स्पेनिश फ्लू अभी भी पूरी तरह से ख़त्म
नहीं हुआ है. कभी कबार इसके केसेस आ ही जाते है. लेकिन अब वो पहले जैसा विकराल रूप
धारण नहीं कर सकता क्यों के उससे आसानी से सहने की क्षमता और उपचार के लिए प्रभावी
दवाई हमारे पास उपलब्ध है.
कई सारे वैज्ञानिको का मानना है की COVID 19 के साथ भी ऐसा ही होगा. ज्यादातर समाज
में इसका संक्रमण होगा और फिर लोगो के शरीर के अंदर इससे लड़ने के लिए प्रतिकारक
शक्ति निर्माण होगी और फिर कुछ दवाई के उपचार से हम आसानी से इसपर काबू पा लेंगे.
लेकिन क्या इतनी बड़ी आबादी को संक्रमित
होने का खतरा हम मोल सकते है?
ऐसी महामारियां भविष्य में भी आएगी.
यही समय है के हम पूरी तरह से तैयार हो जाये. इसके लिए कुछ मुलभुत चीजों पर हमें
ध्यान देना ही होगा.
1. Serious social awareness | गंभीर सामाजिक जागरूकता
हमें खुद को और हमारे जानने वाले सभी
को जागृत करना बहोत आवश्यक है. पूरा समाज जब किसी कार्य को करने की ठान लेता है तब
कोई भी समस्या बड़ी नहीं होती. हमें इस महामारी की जड़ पता है. अगर हर आदमी ठोस कदम
उठाये तो पूरा समाज सुरक्षित हो सकता है.
2. More efficient medical system | विशाल देश के लिए अधिक कुशल चिकित्सा प्रणाली
ये सबसे आवश्यक है. इतनी बड़ी आबादी
वाले देश की आरोग्य प्रणाली को उतनाही मजबूत, कार्यशील
और विस्तृत होना चाहिए. जो की मौजूदा हालात में नहीं है. अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और आवश्यक दवाइयों की भीषण कमी
है. हमें COVID 19 से सबक लेना ही होगा और आने वाली किसी
भी महामारी से लड़ने के लिए हमें हमारी आरोग्य प्रणाली को विकसित करना होगा.
3. More effective vaccine | अधिक प्रभावी वैक्सीन
हमने वैक्सीन तो ढूंढ ली है लेकिन वो
पूरी तरह से इस वायरस का खात्मा करने में अभी सक्षम नहीं है. इसकी मर्यादाओ को
तोड़कर हमें एक ऐसी वैक्सीन की आवश्यकता है जो पूरी तरह से कारगर हो. और साथ ही
इतनी बड़ी जनसंख्या के लिए उसके मुबलक उत्पादन की प्रक्रिया और वितरण प्रणाली पर भी
ध्यान देना होगा.
4. Need to learn from past | अतीत से सीखने की जरूरत है
स्पेनिश फ्लू जब आया तब पूरी दुनिया नए
नए बदलाव के दौर में थी. ये बिमारी इतनी महाकाय थी की लोगो को संभल ने का मौका भी
नहीं मिला था. तब हमारा विज्ञान और तकनीक इतनी प्रगत नहीं थी. इसलिए स्पेनिश फ्लू
से लड़ते लड़ते पूरी दुनिया की कमर टूट गयी थी. लेकिन जैसे ही इस महामारी ने सौम्य
रूप लिया तो शायद दुनिया इसके बारे में भूल गयी. WHO ने रिसर्च जरूर किया लेकिन उस अनुभव का किसी भी प्रकार का फायदा COVID 19 से लड़ने में होता हुआ नहीं दिख रहा.
5. Value for every single life | हर जीवन के लिए समान मूल्य
जहा सबके जीवन को समान मूल्य दिया जाता हो ऐसे समाज की कल्पना वास्तव
में जब आएगी उस दिन हमारी स्थिति आज के जैसी कभी नहीं होगी. किसी को किसी की जान
बचाने के लिए गुहार नहीं लगानी होगी. अस्पतालों के बाहर किसी की मौत नहीं होगी.
जल्द हो COVID 19 भी
एक आम बिमारी बन जायेगा तब तक हमें बहोत सारी मुश्किलों से गुजरना है. जरूरत है
हमें हमारी जिम्मेदारियों को समझने की. हम केवल प्रशासन के भरोसे बैठेंगे तो सब
ठीक होने में कई गुना अधिक समय लगेगा. लेकिन हर आदमी अपनी जिम्मेदारी समझे तो हम
इस महामारी से तो जित जायेंगे और साथ ही अगली आने वाली हर बिमारी से लड़ने के लिए
भी हम तत्पर हो जायेंगे.